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नवंबर, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कागज़ की कश़्ती

आज कुछ बच्चों को कागज़ की नाव चलाते देख कर मुझे मेरा बचपन याद आ गया. मेरा गांव का घर और उसका आंगन. आंगन में भागता मैं और मुझे पकड़ने का प्रयास करती मेरी बड़ी बहन. उनका वह गोल चेहरा मेरी आंखों में तैरने लगा. कस कर बांधी गई दो चोटियां, कान में पहनी हुई सोने की छोटी छोटी बालियां तथा होंठों पर खेलने वाली सदाबहार मुस्कान सब कुछ साफ साफ दिखाई देने लगा. मेरे तथा मुझसे बड़े दोनों भाइयों के लिए वह माँ थीं. खासकर मेरे लिए क्योंकी दस माह की अवस्था में माँ मुझे उन्हें सौंप कर चल बसीं. हम लोग उन्हें जिज्जी कह कर बुलाते थे. एक उम्र तक जिज्जी की गोद ही मेरा सबसे आरामदायक बिस्तर था. उनके सीने से चिपट कर मुझे सबसे अच्छी नींद आती थी.  जिज्जी ने अकेले दम ही घर की सारी ज़िम्मेदारी उठा रखी थी. घर के सारे कामों के साथ साथ अपनी पढ़ाई भी करती थीं. सुबह जल्दी उठ कर पिताजी तथा हम सबका टिफिन तैयार करतीं. उसके बाद स्कूल जातीं. बड़े तथा मंझले भैय्या तो अपने काम स्वयं कर लेते थे किंतु मैं बहुत चंचल था. मुझे स्कूल के लिए तैयार करने के लिए जिज्जी को मेरे पीछे भागना पड़ता था. मैं उनसे अपनी सारी मांगें पूरी करा लेता

रौशनी

अपनी बालकनी से मिसेज मेहता ने देखा आसपास की सभी इमारतें रंगबिरंगी रौशनी से जगमगा रही थीं. कुछ देर उन्हें देखनेे के बाद वह भीतर आ गईं. सोफे पर वह आंख मूंद कर बैठ गईं. बगल वाले फ्लैट में आज कुछ अधिक ही हलचल थी. पहले इस फ्लैट में बूढ़े दंपति रहते थे. तब कहीं कोई आहट नही सुनाई पड़ती थी. लेकिन इस नए परिवार में बच्चे हैं. इसलिए अक्सर धमाचौकड़ी का शोर सुनाई पड़ता रहता है.  पहले त्यौहारों के समय उनका घर भी भरा रहता था. उन्हें क्षण भर की भी फ़ुर्सत नही रहती थी. लेकिन जब से उनका इकलौता बेटा विदेश में बस गया वह और उनके पति ही अकेले रह गए. त्यौहारों की व्यस्तता कम हो गई. फिर वह दोनों मिलकर ही त्यौहार मनाते थे. आपस में एक दूसरे का सुख दुख बांट लेते थे. पांच वर्ष पूर्व जब उनके पति की मृत्यु हो गई तब वह बिल्कुल अकेली रह गईं. तब से सारे तीज त्यौहार भी छूट गए. अब जब वह आसपास लोगों को त्यौहारों की खुशियां मनाते देखती हैं तो अपना अकेलापन उन्हें और सताने लगता है. अतः अधिकतर वह अपने घर पर ही रहती हैं. ऐसा लगा जैसे बगल वाले फ्लैट के बाहर गतिविधियां कुछ बढ़ गई हैं. वह उठीं और उन्होंने फ्लैट का दरवाज़ा थो