दीपक जल्दी जल्दी कपड़ों में प्रेस कर रहा था। अपने पापा के आने से पहले वह सब काम खत्म कर देना चाहता था। पहले इस दुकान पर उसके पापा ही कपड़े प्रेस करते थे। पर उनकी बीमारी के कारण पिछले दो महीनों से वह भी उनकी मदद करता था। वह फुटबॉल का दीवाना था। फुटबॉल के ज़रिए एक दिन दुनिया जीतना चाहता था। वह इसके लिए जी तोड़ मेहनत कर रहा था। उसे सामने से पापा आते दिखाई दिए। उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई। अब वह फुटबॉल प्रैक्टिस के लिए जा सकेगा। भले ही उसकी राह में कई रोड़े हों पर उसकी मंज़िल स्पष्ट थी।
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