आखिर वो दिन आ ही गया जिसका सपना मैं वर्षों से देख रहा था। जब पहली बार मैंने उसे अपनी गोद में उठाया था तब से ही मैं उसे इस रूप में देखना चाहता था ।
जब उसका जन्म हुआ था परिवार में बहुतों के चेहरे मुर्झा गए थे। किन्तु मुझे बहुत ख़ुशी हुई थी।
पता नहीं जब उसे इस रूप में देखूँगा तो ख़ुद को संभाल पाऊँगा या नहीं। ख़ुशी के साथ साथ एक घबराहट भी है। मुझसे दूर जा रही है। पता नहीं कब उसे देख पाऊँगा।
वह आ कर मेरे सामने खड़ी हो गई। मेरी आँखों से आंसू छलक पड़े।
वह बहुत सुंदर दिख रही थी। पुलिस ऑफिसर की वर्दी उस पर खूब फ़ब रही थी।
मैंने उसे आने वाले जीवन के लिए आशीर्वाद दिया।
http://www.tumbhi.com/writing/short-stories/rani-bitiya/ashish-trivedi/60085#.VZymUEamyIA.facebook
जब उसका जन्म हुआ था परिवार में बहुतों के चेहरे मुर्झा गए थे। किन्तु मुझे बहुत ख़ुशी हुई थी।
पता नहीं जब उसे इस रूप में देखूँगा तो ख़ुद को संभाल पाऊँगा या नहीं। ख़ुशी के साथ साथ एक घबराहट भी है। मुझसे दूर जा रही है। पता नहीं कब उसे देख पाऊँगा।
वह आ कर मेरे सामने खड़ी हो गई। मेरी आँखों से आंसू छलक पड़े।
वह बहुत सुंदर दिख रही थी। पुलिस ऑफिसर की वर्दी उस पर खूब फ़ब रही थी।
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