आई.आई.टी की पढ़ाई पूरी करते ही वैभव को एक बड़ी आईटी कंपनी ने अच्छा पैकेज ऑफर किया। सारे कैंपस में वैभव की इस सफलता की चर्चा ज़ोरों पर थी। ज्वाइनिंग से पहले वैभव अपने माता पिता से मिलने जाने की तैयारी कर रहा था। आज वह उन लोगों के प्रति कृतज्ञता महसूस कर रहा था।
बचपन में जब उसके जन्मदिन पर सस्ते खिलौने मिलते थे तब वह बहुत दुखी होता था। अपने दोस्तों को खिलौने दिखाने में शर्माता था। पर आज उसे एहसास हो रहा था कि उसके माता पिता ने कितनी कठिनाइयां सह कर उसे इस मुकाम तक पहुँचाया है। महंगे खिलौनों पर इतराने वाले उसके दोस्त कितने पीछे रह गए थे।
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