एक प्रसिद्ध न्यूज़ चैनल के स्टूडियो में बैठी हुई जेनिफ़र के दिल में बहुत कुछ उमड़ घुमड़ रहा था। कुछ ही देर में इस चैनल के माध्यम से वह दुनिया से रुबरु होगी। एक बार उसने आईने में खुद को देखा। काली ड्रेस में वह बहुत खूबसुरत लग रही थी।
एरॉन और सारा बहुत खुश थे। क्रिसमस पर डैड उनके लिए ढेर सारे गिफ्ट्स लेकर आये थे। एरॉन की ड्रेस बहुत सुन्दर थी। उसे देखते ही मॉम ख़ुशी से बोल पड़ी " इसे पहन कर तो तुम एकदम प्रिंस लगोगे"। क्रिसमस पार्टी में भी हर कोई उसकी तारीफ़ कर रहा था। किन्तु उसकी नज़र तो सारा की उस पिंक फ़्रॉक पर थी। उसकी सुन्दर फ्रिल उसे ललचा रहीं थीं।
कुछ था जो अपने बारे में उसे सही नहीं लगता था। जो तालमेल के बाहर था। वह जो था उसे भीतर से महसूस नहीं करता था। जैसे जैसे वह बड़ा होता गया भीतर और बाहर का संतुलन और बिगड़ता गया। कालेज तक पहुंचते पहुंचते उसे लगने लगा कि जैसे वह किसी पिंजरे में क़ैद है। एक अजीब सी छटपटाहट उसके दिल में घर कर गई थी। ऐसे में डैड की तंज़ करती निगाहे उसे और घायल करती थीं।
किसी भी तरह वह अपने पैरों पर खड़ा होना चाहता था। उसका मन पढ़ाई में अधिक नहीं लगता था। इसलिए उसने शहर के मशहूर हेयर स्टाइलिस्ट के पास रह कर काम सीख लिया और कुछ ही समय में उसने इस क्षेत्र में अपनी एक पहचान बना ली। उसने घर छोड़ दिया।
अब उसकी अपनी एक पहचान थी। फिर भी वह घुटन बाकी थी। उसने इस से बाहर निकलने का फैसला किया। डॉक्टर अब्राहम ने उसे रास्ता दिखाया।
एक लड़की ने आकर पूंछा " मैडम आपको कुछ चाहिए।"
" हाँ एक गिलास पानी।"
जेनिफ़र एक साँस में ही उसे खाली कार दिया।
जब एरॉन ने अपना फैसला सुनाया तो
" अब यही कसर रह गयी थी। अब समाज में हमारा रहना भी मुश्किल हो जाएगा। " डैड ने मॉम को देख कर कहा " वाह क्या औलाद पैदा की हैं। "
मॉम इस तरह नज़रें झुकाए बैठी थीं जैसे उन्होंने क़ोई गुनाह किया हो।
लेकिन एरॉन अपने फैसले पर अडिग था। अब उसे इस क़ैद से आज़ाद होने था।
कैमरा चालू था और जेनिफ़र पूरी आत्मविश्वास के साथ उसके सामने थी। एरॉन उस घुटन से आज़ाद हो गया था। जेनिफ़र बन कर दुनिया से मुख़ातिब था।
http://www.tumbhi.com/writing/short-stories/pinjara/ashish-trivedi/50853#.U2hqn3Y_0uM.facebook
एरॉन और सारा बहुत खुश थे। क्रिसमस पर डैड उनके लिए ढेर सारे गिफ्ट्स लेकर आये थे। एरॉन की ड्रेस बहुत सुन्दर थी। उसे देखते ही मॉम ख़ुशी से बोल पड़ी " इसे पहन कर तो तुम एकदम प्रिंस लगोगे"। क्रिसमस पार्टी में भी हर कोई उसकी तारीफ़ कर रहा था। किन्तु उसकी नज़र तो सारा की उस पिंक फ़्रॉक पर थी। उसकी सुन्दर फ्रिल उसे ललचा रहीं थीं।
कुछ था जो अपने बारे में उसे सही नहीं लगता था। जो तालमेल के बाहर था। वह जो था उसे भीतर से महसूस नहीं करता था। जैसे जैसे वह बड़ा होता गया भीतर और बाहर का संतुलन और बिगड़ता गया। कालेज तक पहुंचते पहुंचते उसे लगने लगा कि जैसे वह किसी पिंजरे में क़ैद है। एक अजीब सी छटपटाहट उसके दिल में घर कर गई थी। ऐसे में डैड की तंज़ करती निगाहे उसे और घायल करती थीं।
किसी भी तरह वह अपने पैरों पर खड़ा होना चाहता था। उसका मन पढ़ाई में अधिक नहीं लगता था। इसलिए उसने शहर के मशहूर हेयर स्टाइलिस्ट के पास रह कर काम सीख लिया और कुछ ही समय में उसने इस क्षेत्र में अपनी एक पहचान बना ली। उसने घर छोड़ दिया।
अब उसकी अपनी एक पहचान थी। फिर भी वह घुटन बाकी थी। उसने इस से बाहर निकलने का फैसला किया। डॉक्टर अब्राहम ने उसे रास्ता दिखाया।
एक लड़की ने आकर पूंछा " मैडम आपको कुछ चाहिए।"
" हाँ एक गिलास पानी।"
जेनिफ़र एक साँस में ही उसे खाली कार दिया।
जब एरॉन ने अपना फैसला सुनाया तो
" अब यही कसर रह गयी थी। अब समाज में हमारा रहना भी मुश्किल हो जाएगा। " डैड ने मॉम को देख कर कहा " वाह क्या औलाद पैदा की हैं। "
मॉम इस तरह नज़रें झुकाए बैठी थीं जैसे उन्होंने क़ोई गुनाह किया हो।
लेकिन एरॉन अपने फैसले पर अडिग था। अब उसे इस क़ैद से आज़ाद होने था।
कैमरा चालू था और जेनिफ़र पूरी आत्मविश्वास के साथ उसके सामने थी। एरॉन उस घुटन से आज़ाद हो गया था। जेनिफ़र बन कर दुनिया से मुख़ातिब था।
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