"दीपक ये मोबाइल फोन किसलिए खरीदा। तुमने तो कुछ ही महीनों पहले फोन लिया था।" वाणी ने बिल चेक करते हुए पूँछा।
"वो स्नेहा दीदी के जन्मदिन के लिए।"
"पर इतना महंगा फोन?" वाणी ने बिल दिखाते हुए कहा।
"उनका पचासवां जन्मदिन था। फिर कौन सा रोज़ रोज़ देते हैं।"
"वो ठीक है। पर पैसा खर्च करते समय सोंचना भी चाहिए।"
दीपक सन्न रह गया। वाणी के सिंगिंग कैरियर को आगे बढ़ाने के लिए उसने अपना कैरियर छोड़ दिया। पर आज वाणी के लिए वह मैनेजर से अधिक कुछ नहीं था।
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