दस साल गुजर गए लेकिन आज भी उसके सीने पर एक बोझ है. अपराध बोध से वह मुक्त नही हो पा रहा है. हलांकि वह महज़ एक हादसा था. लेकिन वह खुद को दोष देता है. वही तो ज़िद करके उन्हें अपनी नई कार पर लांगड्राइव के लिए ले गया था. उसके बाद उनसे कोई भी संबंध नही रहा. कभी हिम्मत नही पड़ी कि उनके समक्ष जाए. आज किस प्रकार सामना करेगा वह समझ नही पा रहा था. अपनी बैटरी चालित व्हीलचेयर में वह उसके सामने आए. हल्के से मुस्कुरा कर अपनी बाहें फैला दीं. भाग कर वह उनके गले लग गया. बोझ उतर गया था. उसे मुक्तिबोध हो रहा था.
दस साल गुजर गए लेकिन आज भी उसके सीने पर एक बोझ है. अपराध बोध से वह मुक्त नही हो पा रहा है. हलांकि वह महज़ एक हादसा था. लेकिन वह खुद को दोष देता है. वही तो ज़िद करके उन्हें अपनी नई कार पर लांगड्राइव के लिए ले गया था. उसके बाद उनसे कोई भी संबंध नही रहा. कभी हिम्मत नही पड़ी कि उनके समक्ष जाए. आज किस प्रकार सामना करेगा वह समझ नही पा रहा था. अपनी बैटरी चालित व्हीलचेयर में वह उसके सामने आए. हल्के से मुस्कुरा कर अपनी बाहें फैला दीं. भाग कर वह उनके गले लग गया. बोझ उतर गया था. उसे मुक्तिबोध हो रहा था.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें