उसके सामने एक प्लास्टिक शीट पर ढेर सारे खिलौने रखे थे. उसने सब पर एक निगाह डाली और फिर आवाज़ लगाने लगा "खिलौना ले लो खिलौना". उसकी निगाहें सड़क पर चलने वालों में संभावित ग्राहक ढूंढ़ रही थीं. दफ्तर से लौटते एक सज्जन को देख कर चिल्लाने लगा "अंकलजी खिलौना ले लीजिए. आपके बच्चे खुश हो जाएंगे. हर खिलौना दस रुपये का है." वह सज्जन ठहर कर खिलौने देखने लगे. बिक्री की संभावना देख कर वह एक एक खिलौना उठा कर दिखाने लगा " यह देखिए बंदर और यह गुड़िया. ये कार फर्र से भागती है. यह हनुमानजी की गदा है." उसने गदा उठा कर अपने कंधे पर रखी और हनुमानजी की तरह मुंह फुला लिया. उसकी चेष्ठाएं देख कर वह सज्जन मुस्करा दिए. अपने पर्स से दस रुपये निकाल कर उसे दिए और गदा लेकर आगे बढ़ गए. उसने नोट को देखा और अपनी जेब में रख लिया.
एक और संभावित ग्राहक को देख कर उसने पुकारा "आंटीजी खिलौने ले लीजिए. बच्चे खुश हो जाएंगे."
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