नंदिनी कई वर्षों के बाद अपने गांव आई थी। वह एक नामी न्यूज़ चैनल की पत्रकार थी। गांव वालों ने उस स्कूल में उसके सम्मान का कार्यक्रम आयोजित किया था जहाँ कभी वह पढ़ती थी। नंदिनी महसूस कर रही थी कि इन वर्षों में गांव की सोंच में बदलाव आया है। अब स्कूल में लड़कियों की संख्या लड़कों के लगभग बराबर थी। यही नहीं अब वह अपने सपनों के बारे में भी बात करने लगी थीं।
वह बच्चों से बात कर रही थी तभी एक लड़की उसके पास आकर बोली।
"थैंक्यू दीदी.."
नंदिनी ने आश्चर्य से पूँछा "क्यों??"
"दीदी आज आपने जो कुछ किया है उसने हमारे लिए रास्ता खोल दिया है। अब हमारे माता पिता को भी यकीन है कि अवसर मिले तो लड़कियां भी बहुत कुछ कर सकती हैं।"
वह बच्चों से बात कर रही थी तभी एक लड़की उसके पास आकर बोली।
"थैंक्यू दीदी.."
नंदिनी ने आश्चर्य से पूँछा "क्यों??"
"दीदी आज आपने जो कुछ किया है उसने हमारे लिए रास्ता खोल दिया है। अब हमारे माता पिता को भी यकीन है कि अवसर मिले तो लड़कियां भी बहुत कुछ कर सकती हैं।"
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