पार्टी में जो कुछ हुआ उसने यामिनी को बहुत आहत किया था। रमन को बहुत सभ्य समझती थीं। वह। इसीलिए उससे खुल कर बातें करती थी। लेकिन आज पार्टी में डांस के बहाने उसने जो कुछ किया वह अप्रत्याशित था। अपने आहत मन को शांत करने के लिए उसने विपुल के कंधे पर सर रख दिया। अपने जीवनसाथी से उसे उम्मीद थी कि वह उसके घाव पर मरहम लगाएगा।
विपुल उठ कर खड़ा हो गया। यामिनी ने प्रश्न भरी दृष्टि उस पर डाली।
"तुम्हीं ने उसे इतना बढ़ावा दिया था। अगर तुम अपनी सीमा में रहतीं तो ऐसा ना होता।
इस कुठाराघात से यामिनी जैसे पाषाण बन गई।
विपुल उठ कर खड़ा हो गया। यामिनी ने प्रश्न भरी दृष्टि उस पर डाली।
"तुम्हीं ने उसे इतना बढ़ावा दिया था। अगर तुम अपनी सीमा में रहतीं तो ऐसा ना होता।
इस कुठाराघात से यामिनी जैसे पाषाण बन गई।
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