'आज स्वामी जी का प्रवचन नहीं होगा' यह घोषणा होते ही सभी लोग मायूस हो गए।
रमन भी पिछले कई महीनों से यहाँ आ रहा था। अपने मन की तपिश को कम करने के लिए। उसे उम्मीद थी कि एक दिन स्वामी जी उसके मन की पीड़ा को अवश्य ही कम कर देंगे।
वापस लौटने की जगह वह स्वामी जी को प्रणाम करने उनकी कुटी की ओर चल दिया। वहाँ पहुँचा तो देखा स्वामी जी अपने सीए के साथ आश्रम की कमाई को कैसे बढ़ाया जाए इस पर विमर्श कर रहे थे। वह बहुत परेशान दिख रहे थे।
रमन उल्टे पांव लौट गया। फिर कभी नहीं आया।
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