सामने मेज़ पर उसके लिखे पन्नों के ऊपर मेडिकल रिपोर्ट पड़ी थी।
एक फेफड़े ने काम करना बंद कर दिया था।
सामने ही सिगरेट की डिब्बी पड़ी थी। उस पर लिखी चेतावनी को उसने सदा अनदेखा किया। अपनों की हिदायत को सदा यह कह कर टाल दिया कि "बिना क़श लिए लिखने का मूड ही नहीं बनता है।"
अब दिमाग में हलचल मची थी। उसे शांत करने के लिए उसने फिर एक लंबा क़श खींचा।
एक फेफड़े ने काम करना बंद कर दिया था।
सामने ही सिगरेट की डिब्बी पड़ी थी। उस पर लिखी चेतावनी को उसने सदा अनदेखा किया। अपनों की हिदायत को सदा यह कह कर टाल दिया कि "बिना क़श लिए लिखने का मूड ही नहीं बनता है।"
अब दिमाग में हलचल मची थी। उसे शांत करने के लिए उसने फिर एक लंबा क़श खींचा।
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