आज बख़्शी जी बहुत खुश थे। उनकी नन्हीं परी के जीवन का आज बहुत महत्वपूर्ण दिन था। उनके हाथों को वही कोमल स्पर्श महसूस हो रहा था जो पहली बार अपनी बेटी को गोद में लेते समय हुआ था।
वह उस खास पल को लेकर रोमांच महसूस कर रहे थे जब उनकी बेटी उस रूप में उनके सामने आएगी।
तभी उन पैंतीस महिला एयर फोर्स ऑफिसरों का दल सामने से गुज़रा जो उस साल अकादमी से पास हुई थीं।
पासिंग आउट परेड की अगुवाई उनकी बेटी अवनि कर रही थी।
उसे वर्दी में देख कर बख़्शी जी की आँखें भर आईं।
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