उसे दो साल हो गए थे सोसाइटी में आए किंतु कोई भी उसके बारे में कुछ नही जानता था. सिवाय उसके नाम 'अविनाश' के जो उसके फ्लैट के बंद दरवाजे पर लगी पट्टी पर लिखा था. सभी उसके बारे में जानने को उत्सुक थे. उसके जीवन के रहस्य को बाहर लाना चाहते थे. लेकिन वह सभी की पहुँच से बाहर था. अब तो लगता था कि सोसाइटी वालों के लिए उसके अलावा कोई अन्य जिज्ञासा नही बची थी.
आज सोसाइटी की मीटिंग थी. वह कभी भी मीटिंग में नही आता था. लेकिम आज उसे वहाँ देख कर सब हैरान थे. मीटिंग सम्प्त होने के बाद वह सेक्रेटरी के पास गया और बोलने की इजाजत मांगी. हाथ जोड़ कर उसने सबको नमस्कार किया और फिर बोलना शुरू किया "आप सभी के लिए मैं अनबूझी पहेली हूँ. सभी जानना चाहते हैं कि मेरे फ्लैट के बंद दरवाजे के पीछे मैंने क्या राज़ छिपा रखा है. कोई गहरा राज़ नही है. बात बस इतनी है कि मुझे मेरी निजता बहुत प्यारी है. अनावश्यक ना मैं किसी के जीवन में दखल देता हूँ ना ही अपने जीवन में किसी का दखल पसंद करता हूँ. प्रकृति ने मुझे ऐसा ही बनाया है. अतः आप लोग जिज्ञासा का कोई और कारण ढूंढ लें."
सभी चुपचाप सर झुकाए थे.
आज सोसाइटी की मीटिंग थी. वह कभी भी मीटिंग में नही आता था. लेकिम आज उसे वहाँ देख कर सब हैरान थे. मीटिंग सम्प्त होने के बाद वह सेक्रेटरी के पास गया और बोलने की इजाजत मांगी. हाथ जोड़ कर उसने सबको नमस्कार किया और फिर बोलना शुरू किया "आप सभी के लिए मैं अनबूझी पहेली हूँ. सभी जानना चाहते हैं कि मेरे फ्लैट के बंद दरवाजे के पीछे मैंने क्या राज़ छिपा रखा है. कोई गहरा राज़ नही है. बात बस इतनी है कि मुझे मेरी निजता बहुत प्यारी है. अनावश्यक ना मैं किसी के जीवन में दखल देता हूँ ना ही अपने जीवन में किसी का दखल पसंद करता हूँ. प्रकृति ने मुझे ऐसा ही बनाया है. अतः आप लोग जिज्ञासा का कोई और कारण ढूंढ लें."
सभी चुपचाप सर झुकाए थे.
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