रेवा अपना सामान समेट रही थी। पिछली बार जाते हुए कुछ चीज़ें छूट गई थीं।
मनीष चुपचाप उसे देख रहा था। उनका छह साल का रिश्ता समाप्त हो गया था। आज के बाद वह फिर कभी यहाँ नही आएगी। फिर भी ना जाने क्यों उसे एक क्षीण सी उम्मीद थी कि शायद वह अपना निर्णय बदल दे।
सब कुछ पैक कर लेने के बाद रेवा बोली "थैंक्स मनीष अब चलती हूँ।"
"एक कप कॉफी भी नही पिओगी।"
"दो घंटे में मेरी फ्लाइट है।"
रेवा जा चुकी थी। मनीष कमरे में अकेला खड़ा था। हवा में सिर्फ उसके परफ्यूम की गंध रह गई थी।
मनीष चुपचाप उसे देख रहा था। उनका छह साल का रिश्ता समाप्त हो गया था। आज के बाद वह फिर कभी यहाँ नही आएगी। फिर भी ना जाने क्यों उसे एक क्षीण सी उम्मीद थी कि शायद वह अपना निर्णय बदल दे।
सब कुछ पैक कर लेने के बाद रेवा बोली "थैंक्स मनीष अब चलती हूँ।"
"एक कप कॉफी भी नही पिओगी।"
"दो घंटे में मेरी फ्लाइट है।"
रेवा जा चुकी थी। मनीष कमरे में अकेला खड़ा था। हवा में सिर्फ उसके परफ्यूम की गंध रह गई थी।
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