चार साल का रोहित बहुत दुखी था. बहुत समझाने पर भी ना तो वह कुछ खाने को तैयार था और ना ही दूध पी रहा था. वह रट लगाए हुए था कि मम्मी को बुलाओ.
अपने बेटे की यह स्थिति देख कर वासू का कलेजा फटा जा रहा था. समझ नहीं पा रहा था कि उसे कैसे मनाए. उस मासूम को यह बताने की हिम्मत उसमें नहीं थी कि अब उसकी मम्मी कभी वापस नहीं आ सकेगी. वासू ने लाचारी के भाव से अपनी बड़ी बहन की ओर देखा.
अपने भाई को इस विकट परिस्थिति में देख कर वासू की बहन ने रोहित को अपनी गोद में बैठा कर प्यार से समझाया "बेटा मम्मी बहुत दूर आसमान में भगवान के पास चली गई हैं. अब वह वहाँ से ही तुम्हें देखेंगी. तुम कुछ खाओगे नहीं तो उन्हें बहुत दुख होगा."
अपनी बुआ की बात सुन कर रोहित कुछ देर सोंचता रहा. फिर भाग कर बॉलकनी में गया और आसमान की तरफ देख कर बोला "मम्मी तुम दुखी मत होना. मैं अभी जाकर खाना खा लेता हूँ."
तभी आसमान से बूंदें गिरने लगीं. शायद आसमान का दिल भी भर आया.
अपने बेटे की यह स्थिति देख कर वासू का कलेजा फटा जा रहा था. समझ नहीं पा रहा था कि उसे कैसे मनाए. उस मासूम को यह बताने की हिम्मत उसमें नहीं थी कि अब उसकी मम्मी कभी वापस नहीं आ सकेगी. वासू ने लाचारी के भाव से अपनी बड़ी बहन की ओर देखा.
अपने भाई को इस विकट परिस्थिति में देख कर वासू की बहन ने रोहित को अपनी गोद में बैठा कर प्यार से समझाया "बेटा मम्मी बहुत दूर आसमान में भगवान के पास चली गई हैं. अब वह वहाँ से ही तुम्हें देखेंगी. तुम कुछ खाओगे नहीं तो उन्हें बहुत दुख होगा."
अपनी बुआ की बात सुन कर रोहित कुछ देर सोंचता रहा. फिर भाग कर बॉलकनी में गया और आसमान की तरफ देख कर बोला "मम्मी तुम दुखी मत होना. मैं अभी जाकर खाना खा लेता हूँ."
तभी आसमान से बूंदें गिरने लगीं. शायद आसमान का दिल भी भर आया.
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