बर्थ डे केक देखते ही मयंक की आंखें चमक उठीं. राजीव ने उसका माथा चूम कर उसे बर्थ डे की मुबारकबाद दी. नर्स वार्ड ब्वाय तथा अन्य डॉक्टर भी कमरे में आ गए. सभी की उपस्थिति में मयंक ने केक काटा. उसे बधाई देकर सभी अपने अपने काम पर चले गए.
उसके पास बैठते हुए राजीव ने कहा "नर्स आंटी बता रही थीं कि तुम दवा लेने में बहुत नखरे करते हो."
मयंक ने कोई जवाब नहीं दिया.
"अगर दवा नहीं खाओगे तो ठीक कैसे होगे."
मयंक ने अपनी आंखें उसके चेहरे पर जमा दीं "पापा क्या मैं सच में ठीक हो पाऊंगा."
यह प्रश्न राजीव का कलेजा चीर गया. एक विख्यात डॉक्टर होते हुए भी वह कैंसर के सामने कितना मजबूर था. पर उसने अपनी पीड़ा छिपा कर मयंक को आश्वासन दिया "बिल्कुल ठीक हो जाओगे."
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