कहने को तो वह इस दुनिया में अकेला था. अस्पताल के निजी कक्ष में अपने बिस्तर के चारों ओर रखे फूलों के गुलदस्तों तथा उसके शीघ्र स्वस्थ हो जाने की प्रार्थना वाले संदेश कार्ड्स पर जब उसकी नज़र पड़ी तो खुशी से आंखे भर आईं. कोई संबंध ना होते हुए जिन रिश्तों में उसने भावना की पूंजी लगाई थी यह उसी का ब्याज था.
कहने को तो वह इस दुनिया में अकेला था. अस्पताल के निजी कक्ष में अपने बिस्तर के चारों ओर रखे फूलों के गुलदस्तों तथा उसके शीघ्र स्वस्थ हो जाने की प्रार्थना वाले संदेश कार्ड्स पर जब उसकी नज़र पड़ी तो खुशी से आंखे भर आईं. कोई संबंध ना होते हुए जिन रिश्तों में उसने भावना की पूंजी लगाई थी यह उसी का ब्याज था.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें