नेताजी हतप्रद थे. स्वयं को वह राजनीति का माहिर खिलाड़ी समझते थे. विरोधी खेमे के विभीषण को यह सोंच कर शामिल किया था कि उसके ज़रिए रावण को परास्त करेंगे. किंतु इस आधुनिक विभीषण ने कुछ इस तरह मोहरे चले कि राम और रावण दोनो को मुंह की खानी पड़ी. दोनो के कंधों पर चढ़ कर वह राजनीति की ऊंचाइयां छू रहा था.
नेताजी हतप्रद थे. स्वयं को वह राजनीति का माहिर खिलाड़ी समझते थे. विरोधी खेमे के विभीषण को यह सोंच कर शामिल किया था कि उसके ज़रिए रावण को परास्त करेंगे. किंतु इस आधुनिक विभीषण ने कुछ इस तरह मोहरे चले कि राम और रावण दोनो को मुंह की खानी पड़ी. दोनो के कंधों पर चढ़ कर वह राजनीति की ऊंचाइयां छू रहा था.
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