रेश्मा ने आखिरी वक्त में गोली चला रहे सुखबीर को धक्का दे दिया। गोली लक्ष्य से चूक गई।
"ये क्या किया भाभी। इसी नामुराद ने तुम्हारी मांग उजाड़ी थी।"
"तो अब तुम इसकी नई ब्याहता को विधवा बनाना चाहते हो।"
"भाभी तुम्हारा दुख देख कर कलेजा फटता है।"
"जानती हूँ पर यह घाव दूसरे को घाव देकर नहीं भरेगा। जिस आग में मैं जल रही हूँ भइया मैं नहीं चाहती कि एक और निर्दोष उसमें जले।"
"ये क्या किया भाभी। इसी नामुराद ने तुम्हारी मांग उजाड़ी थी।"
"तो अब तुम इसकी नई ब्याहता को विधवा बनाना चाहते हो।"
"भाभी तुम्हारा दुख देख कर कलेजा फटता है।"
"जानती हूँ पर यह घाव दूसरे को घाव देकर नहीं भरेगा। जिस आग में मैं जल रही हूँ भइया मैं नहीं चाहती कि एक और निर्दोष उसमें जले।"
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