लीला का ध्यान कमरे के रौशनदान पर तिनका तिनका जोड़ कर बनाए गए घोंसले पर गया। उसने राकेश से कहा कि उसे यह मकान पसंद है।
राकेश को कमरा कुछ ठीक नहीं लगा। कुछ बंद सा था। रसोई के लिए कमरे के कोने में ही एक छोटा सा प्लेटफार्म था। धुआं निकलने की भी सही व्यवस्था नहीं थी। लेकिन अभी जेब के लिए यही बहुत अधिक था। उसने नम आँखों से लीला को देखा।
लीला ने घोंसले की तरफ इशारा कर कहा।
"देखो उस पक्षी ने तिनका तिनका जमा कर अपना आशियाना बना लिया है। एक दिन हम भी बना लेंगे।"
समान जाति ना होने के कारण पति पत्नी को अपना गांव छोड़ आशियाने के लिए भटकना पड़ रहा था।
राकेश को कमरा कुछ ठीक नहीं लगा। कुछ बंद सा था। रसोई के लिए कमरे के कोने में ही एक छोटा सा प्लेटफार्म था। धुआं निकलने की भी सही व्यवस्था नहीं थी। लेकिन अभी जेब के लिए यही बहुत अधिक था। उसने नम आँखों से लीला को देखा।
लीला ने घोंसले की तरफ इशारा कर कहा।
"देखो उस पक्षी ने तिनका तिनका जमा कर अपना आशियाना बना लिया है। एक दिन हम भी बना लेंगे।"
समान जाति ना होने के कारण पति पत्नी को अपना गांव छोड़ आशियाने के लिए भटकना पड़ रहा था।
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