"भइया आप को कभी अफसोस नहीं होता है। यदि आप चाहते तो बहुत कुछ हासिल कर सकते थे। पर इन लोगों के लिए आपने पूरा जीवन खपा दिया।"
अपने फुफेरे भाई का सवाल सुन कर शैलेश ने गंभीर स्वर में जवाब दिया।
"दुनिया के मानदंड के हिसाब से यकीनन मैं एक नाकामयाब व्यक्ति हूँ। पर यदि मेरे मन की बात सुनो तो मैं खुद को सबसे सफल इंसान मानता हूँ।"
कुछ ठहर कर आगे बोले।
"इन नन्हें बच्चों के हंसते मुस्कुराते चेहरे मेरी कामयाबी का ईनाम हैं। अन्यथा इनका बचपन छीनने में समाज ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी।"
यह बात कहते हुए शैलेश के चेहरे पर छाया संतोष देख कर उनके भाई को अपना सवाल बेमानी लगा।
अपने फुफेरे भाई का सवाल सुन कर शैलेश ने गंभीर स्वर में जवाब दिया।
"दुनिया के मानदंड के हिसाब से यकीनन मैं एक नाकामयाब व्यक्ति हूँ। पर यदि मेरे मन की बात सुनो तो मैं खुद को सबसे सफल इंसान मानता हूँ।"
कुछ ठहर कर आगे बोले।
"इन नन्हें बच्चों के हंसते मुस्कुराते चेहरे मेरी कामयाबी का ईनाम हैं। अन्यथा इनका बचपन छीनने में समाज ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी।"
यह बात कहते हुए शैलेश के चेहरे पर छाया संतोष देख कर उनके भाई को अपना सवाल बेमानी लगा।
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