आज फिर रोहित और रजनी के बीच झगड़ा हुआ. रजनी की नित नई फरमाइशों से वह परेशान हो गया था. रजनी कभी भी इस बात पर विचार नहीं करती थी कि उसकी मांग जायज़ है भी या नहीं. रोहित उसे पूरा करने की स्थिति में भी है या नहीं. वह तो बस फरमाइश करती थी और मांग पूरी ना होने पर झगड़ा करती थी.
अब वह इस बात पर अफसोस करता था कि उसने अपने माता पिता की बात नहीं मानी. उन्होंने उसके लिए ऊषा जैसी सुलझी और गुणी लड़की का चुनाव किया था. किंतु उसके सांवले रंग और साधारण नाक नक्श के कारण रोहित ने उसकेे साथ विवाह से मना कर दिया. उसकी चचेरी बहन रजनी से शादी कर ली जो बेहद आकर्षक थी.
ऊषा का विवाह उसके मित्र से हो गया. ऊषा जीवन के हर फैसले में उसके साथ रहती थी. दोनों ने मिल कर सारी जिम्मेदारियां बराबरी से बांट ली थीं. दोनों बहुत सुखी थे.
रोहित उन्हें देखता तो यही सोंचता कि अपनी सीमित दृष्टि के कारण उसने स्वयं ही अपने जीवन में आग लगा ली.
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