हरीश हमेशा फैशन के अनुसार ही कपड़े पहनता था. पूड़ी पराठे की जगह पीज़ा बर्गर खाना पसंद करता था. अपने हाव भाव बोल चाल से वह खुद को आधूनिक दिखाने की कोशिश करता था. दोस्तों के बीच वह हैरी के नाम से मशहूर था.
इस साल नए साल की पार्टी उसने अपने घर रखी थी. उसके सभी दोस्त उसके घर पर पहुँचे. वह सभी को मकान की ऊपरी मंज़िल पर ले गया. वहाँ सभी संगीत पर थिरकते हुए पार्टी का मज़ा ले रहे थे. तभी एक लड़की वहाँ आई. उयने उससे कुछ कहा. हरीश ने उसे घुड़क कर नीचे जाने को कहा. उसके एक दोस्त ने पूंछा "वह कौन थी."
"मेरी बहन थी. पार्टी में आना चाहती थी."
"तो तुमने भगा क्यों दिया. हमारे ग्रुप में तो लड़कियां भी हैं."
"हमारे यहाँ लड़कियों का पार्टी करना पसंद नहीं करते." कह कर हरीश फिर से नाचने लगा.
इस साल नए साल की पार्टी उसने अपने घर रखी थी. उसके सभी दोस्त उसके घर पर पहुँचे. वह सभी को मकान की ऊपरी मंज़िल पर ले गया. वहाँ सभी संगीत पर थिरकते हुए पार्टी का मज़ा ले रहे थे. तभी एक लड़की वहाँ आई. उयने उससे कुछ कहा. हरीश ने उसे घुड़क कर नीचे जाने को कहा. उसके एक दोस्त ने पूंछा "वह कौन थी."
"मेरी बहन थी. पार्टी में आना चाहती थी."
"तो तुमने भगा क्यों दिया. हमारे ग्रुप में तो लड़कियां भी हैं."
"हमारे यहाँ लड़कियों का पार्टी करना पसंद नहीं करते." कह कर हरीश फिर से नाचने लगा.
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