दो साल के स्पर्श ने अपनी माँ से कहा "मैं नहीं जाऊँगा वहाँ। आंटी बहुत गंदी है।"
उसे तैयार करते हुए मानसी बोली "बेटा अच्छे बच्चे ऐसा नहीं कहते। तुम आंटी को परेशान मत करना उनकी बात मानना।"
क्रेच में पहुँच कर जब मानसी जाने को मुड़ी तो स्पर्श ने उसका हाथ पकड़ लिया। उसकी आँखें कह रही थीं कि मुझे यहाँ छोड़ कर मत जाओ। मानसी का दिल पसीज गया। हाथ में पकड़ा मोबाइल और बैग पास पड़ी कुर्सी पर रख उसने स्पर्श को गले लगा लिया।
"बेटा ऐसा मत करो। मम्मी ऑफिस कैसे जाएगी। शाम को मम्मी तुम्हारे लिए रिमोट कार लेकर आएगी।"
रिमोट कार की बात सुन कर भी स्पर्श उसे छोड़ नहीं रहा था। मानसी ने उसके गाल को चूमा और बैग लेकर चली गई।
कुछ दूर जाने के बाद उसे याद आया कि मोबाइल तो वहीं छूट गया। वह फौरन वापस लौट पड़ी।
मानसी भीतर घुसी ही थी कि 'चटाक...' आवाज़ सुन कर सहम गई। स्पर्श आँखों में आंसू भरे खड़ा था।
क्रेच की मालकिन स्पर्श को धमका रही थी।
उसे तैयार करते हुए मानसी बोली "बेटा अच्छे बच्चे ऐसा नहीं कहते। तुम आंटी को परेशान मत करना उनकी बात मानना।"
क्रेच में पहुँच कर जब मानसी जाने को मुड़ी तो स्पर्श ने उसका हाथ पकड़ लिया। उसकी आँखें कह रही थीं कि मुझे यहाँ छोड़ कर मत जाओ। मानसी का दिल पसीज गया। हाथ में पकड़ा मोबाइल और बैग पास पड़ी कुर्सी पर रख उसने स्पर्श को गले लगा लिया।
"बेटा ऐसा मत करो। मम्मी ऑफिस कैसे जाएगी। शाम को मम्मी तुम्हारे लिए रिमोट कार लेकर आएगी।"
रिमोट कार की बात सुन कर भी स्पर्श उसे छोड़ नहीं रहा था। मानसी ने उसके गाल को चूमा और बैग लेकर चली गई।
कुछ दूर जाने के बाद उसे याद आया कि मोबाइल तो वहीं छूट गया। वह फौरन वापस लौट पड़ी।
मानसी भीतर घुसी ही थी कि 'चटाक...' आवाज़ सुन कर सहम गई। स्पर्श आँखों में आंसू भरे खड़ा था।
क्रेच की मालकिन स्पर्श को धमका रही थी।
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