ऊषा ने अपने पाँच साल के बेटे रोहित को तिरंगा खरीद कर दिया तो बड़ी शान से उसने उसे ऊपर उठाया। उसकी वह अदा ऊषा को बहुत भली लगी। उसने बेटे से उसी प्रकार रहने को कहा और उसकी फोटो खींच ली। तुरंत ही वह उसे सोशल एकांउट पर पोस्ट करने लगी।
"मम्मी देखो उस बच्चे के पास कितने सारे तिरंगे हैं।" रोहित उत्साह से चिल्लाया।
मैसेज टाइप करते हुए ऊषा ने उस तरफ देखा।
"अरे वह तो तिरंगे बेंच रहा है।"
"क्यों मम्मी?" रोहित ने अचरज से पूँछा।
"पैसे कमाने के लिए। नहीं तो खाएगा क्या।"
ऊषा ने जवाब दिया और रोहित को कार में बैठा कर चल दी।
"मम्मी देखो उस बच्चे के पास कितने सारे तिरंगे हैं।" रोहित उत्साह से चिल्लाया।
मैसेज टाइप करते हुए ऊषा ने उस तरफ देखा।
"अरे वह तो तिरंगे बेंच रहा है।"
"क्यों मम्मी?" रोहित ने अचरज से पूँछा।
"पैसे कमाने के लिए। नहीं तो खाएगा क्या।"
ऊषा ने जवाब दिया और रोहित को कार में बैठा कर चल दी।
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