हॉस्पिटल के कमरे में पूरी तरह शांति थी। लाइफ सेविंग मशीनों की ध्वनि ही जीवन का संकेत दे रही थी।
अपने जॉब के कारण ईशान और सपना अलग अलग शहरों में पोस्टेड थे। केवल वीकएंड में ही एक दूसरे से मिल पाते थे। दोनों बारी बारी से एक दूसरे के पास जाते थे।
पिछली बार चलने से पहले सपना ने फोन किया था।
"बस दो घंटे में पहुँच रही हूँ। क्या तैयारियां की हैं मेरे स्वागत की।"
"मैं तो सोंच रहा था कि तुम आओगी तो कुछ स्पेशल बनाओगी।" ईशान ने चिढ़ाया।
"मैं आऊँ तो अच्छा सा डिनर मिलना चाहिए। वो भी तुम्हारे हाथ का।" सपना ने आदेश सुनाया।
ईशान ने कुकिंग क्लास में सीखे हुनर का प्रयोग कर सपना की पसंदीदा डिश बनाईं। टेबल सजा कर वह एक रोमांटिक कैंडिल लाइट डिनर के लिए तैयार था।
डिनर मेज़ पर ही पड़ा रह गया। सपना को सरप्राइज़ देने के लिए ईशान एक तोहफा लेने गया था। उसकी कार बस से टकरा गई।
हॉस्पिटल के कमरे में बैठी सपना कोमा में चले गए ईशान को निहार रही थी।
अपने जॉब के कारण ईशान और सपना अलग अलग शहरों में पोस्टेड थे। केवल वीकएंड में ही एक दूसरे से मिल पाते थे। दोनों बारी बारी से एक दूसरे के पास जाते थे।
पिछली बार चलने से पहले सपना ने फोन किया था।
"बस दो घंटे में पहुँच रही हूँ। क्या तैयारियां की हैं मेरे स्वागत की।"
"मैं तो सोंच रहा था कि तुम आओगी तो कुछ स्पेशल बनाओगी।" ईशान ने चिढ़ाया।
"मैं आऊँ तो अच्छा सा डिनर मिलना चाहिए। वो भी तुम्हारे हाथ का।" सपना ने आदेश सुनाया।
ईशान ने कुकिंग क्लास में सीखे हुनर का प्रयोग कर सपना की पसंदीदा डिश बनाईं। टेबल सजा कर वह एक रोमांटिक कैंडिल लाइट डिनर के लिए तैयार था।
डिनर मेज़ पर ही पड़ा रह गया। सपना को सरप्राइज़ देने के लिए ईशान एक तोहफा लेने गया था। उसकी कार बस से टकरा गई।
हॉस्पिटल के कमरे में बैठी सपना कोमा में चले गए ईशान को निहार रही थी।
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