पेंटिंग्स के शौकीन संजय को जहाँ भी किसी प्रदर्शनी का पता चलता पहुँच जाता। कई कलाकारों ने उसे प्रभावित किया था। लेकिन आज जिस कलाकार की प्रदर्शनी लगी थी उसका काम देख कर वह दंग था। हर कैनवास पर जैसे ज़िंदगी पूरे उत्साह से रंग बिखेर रही थी। हर पेंटिंग जीवन की एक हसीन तस्वीर थी।
वह उस कलाकार से मिलने की इच्छा से आयोजक के पास पहुँचा।कुछ ही समय बाद वह कलाकार सबके समक्ष था। चेहरे पर चमकती मुस्कान के साथ। दोनों बाज़ू नहीं थे। अपने पैर में पेन फंसा कर लोगों को ऑटोग्राफ दे रहा था।
वह उस कलाकार से मिलने की इच्छा से आयोजक के पास पहुँचा।कुछ ही समय बाद वह कलाकार सबके समक्ष था। चेहरे पर चमकती मुस्कान के साथ। दोनों बाज़ू नहीं थे। अपने पैर में पेन फंसा कर लोगों को ऑटोग्राफ दे रहा था।
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