सॉफ्टवेयर इंजीनियर महेंद्र आज दूल्हा बना था। दरवाज़े पर बैंड बाजा बज रहा था। बरात के निकास की तैयारी हो रही थी।
बारात विदा हुई। नाचते गाते बाराती पास के मोहल्ले में लड़की के दरवाज़े की तरफ बढ़े।
घोड़ी पर बैठा महेंद्र आने वाले जीवन के सुखद स्वप्न देख रहा था।
थोड़ी ही दूर पर बरात रुक गई। हंगामे के बीच महेंद्र को घोड़ी से उतार दिया गया।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर को समाज के कुछ लोगों ने घोड़ी चढ़ने का अधिकार नहीं दिया था।
बारात विदा हुई। नाचते गाते बाराती पास के मोहल्ले में लड़की के दरवाज़े की तरफ बढ़े।
घोड़ी पर बैठा महेंद्र आने वाले जीवन के सुखद स्वप्न देख रहा था।
थोड़ी ही दूर पर बरात रुक गई। हंगामे के बीच महेंद्र को घोड़ी से उतार दिया गया।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर को समाज के कुछ लोगों ने घोड़ी चढ़ने का अधिकार नहीं दिया था।
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