"बीजी स्कूल जा रहा हूँ। आज गणित का पर्चा है।" सुखविंदर ने माँ के पैर छूकर कहा।
"ध्यान से पर्चा करना। अच्छे नंबर आने चाहिए।" माँ ने सर पर हाथ फेरा।
"आएंगे बीजी, तभी तो पापाजी की तरह सेना में जा पाऊँगा।"
उसकी माँ ने दीवार पर लटकी पति की तस्वीर को गर्व से देखा। दही चीनी खिला कर बेटे को विदा करने दरवाज़े तक आई।
सुखविंदर अभी घर का आहता पार कर पाया था कि एक गोला आकर गिरा।
काले अंधेरे ने उसकी माँ की आँखों के सामने चादर तान दी।
"ध्यान से पर्चा करना। अच्छे नंबर आने चाहिए।" माँ ने सर पर हाथ फेरा।
"आएंगे बीजी, तभी तो पापाजी की तरह सेना में जा पाऊँगा।"
उसकी माँ ने दीवार पर लटकी पति की तस्वीर को गर्व से देखा। दही चीनी खिला कर बेटे को विदा करने दरवाज़े तक आई।
सुखविंदर अभी घर का आहता पार कर पाया था कि एक गोला आकर गिरा।
काले अंधेरे ने उसकी माँ की आँखों के सामने चादर तान दी।
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