"अब लड़के से गलती हो गई तो क्या उसे जेल जाने दें। फिर क्या फायदा बाप और दादा के राजनीति में होने का।" दिनेशचंद तैश में बोले।
अपने राजनैतिक अनुभव के आधार पर उनके पिता ने कहा "अभी अनुभव कम है तुम्हें। थोड़े दिन उससे कहो अपनी हरकतों पर लगाम रखे। कुछ दिन बाद सब ठंडा हो जाएगा। तब सब रफ़ा दफ़ा कर देंगे। अभी राख के नीचे चिंगारी है। उसे ना छेड़ो।"
अपनी भूल समझ कर दिनेशचंद ठंडे पड़ गए।
अपने राजनैतिक अनुभव के आधार पर उनके पिता ने कहा "अभी अनुभव कम है तुम्हें। थोड़े दिन उससे कहो अपनी हरकतों पर लगाम रखे। कुछ दिन बाद सब ठंडा हो जाएगा। तब सब रफ़ा दफ़ा कर देंगे। अभी राख के नीचे चिंगारी है। उसे ना छेड़ो।"
अपनी भूल समझ कर दिनेशचंद ठंडे पड़ गए।
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