आज फिर सोमेश देर रात शराब पीकर लौटा. सोमेश का चाल चलन बिगड़ गया था. अपने बीवी बच्चों के प्रति वह लापरवाह हो गया था.
यह सब देख कर माथुरजी बहुत दुखी होते थे. कई बार उनकी बहू ने उनसे कहा कि अपने बेटे को समझाएं. लेकिन वह यह नही कर पाते थे. उन्हें अपना अतीत याद आ जाता था. यह उनके बोए बीज ही थे जो अंकुरित हो रहे थे.
यह सब देख कर माथुरजी बहुत दुखी होते थे. कई बार उनकी बहू ने उनसे कहा कि अपने बेटे को समझाएं. लेकिन वह यह नही कर पाते थे. उन्हें अपना अतीत याद आ जाता था. यह उनके बोए बीज ही थे जो अंकुरित हो रहे थे.
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