कुछ देर में ही प्रतियोगिता का आखिरी दौर आरंभ होने वाला था. शिव कुछ नर्वस था. बहुत ही महत्वपूर्ण मुकाबला था. यदि वह जीत गया तो इस प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक पाने वाला अपने मुल्क का पहला खिलाड़ी बन जाएगा.
वह अपने बीते जीवन के बारे में सोंचने लगा.
उसका व्यक्तिगत जीवन उथल पुथल से भरा था. अनाथालय में पला बढ़ा वह सदैव ही रिश्तों के लिए तरसता रहा. जब युवा हुआ तो एक लड़की से प्रेम हो गया. लेकिन उसने भी धोखा दे दिया. वह भीतर से टूट गया.
इस मुश्किल दौर में इस खेल से उसका संबंध हुआ. जैसे जैसे वह इस खेल से जुड़ता गया अपने दुख से बाहर आता गया. आज वह खेलों के इस महाकुंभ में अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहा था.
प्रतियोगिता का आखिरी मुकाबला शुरु हुआ. धैर्य व लगन से खेलते हुए उसने इतिहास रच दिया.
वह पोडियम पर खड़ा था. उसने लहराते हुए तिरंगे को देखा. जीवन मे पहली बार उसने एक मज़बूत रिश्ता महसूस किया था. उसका उसके वतन के साथ.
वह अपने बीते जीवन के बारे में सोंचने लगा.
उसका व्यक्तिगत जीवन उथल पुथल से भरा था. अनाथालय में पला बढ़ा वह सदैव ही रिश्तों के लिए तरसता रहा. जब युवा हुआ तो एक लड़की से प्रेम हो गया. लेकिन उसने भी धोखा दे दिया. वह भीतर से टूट गया.
इस मुश्किल दौर में इस खेल से उसका संबंध हुआ. जैसे जैसे वह इस खेल से जुड़ता गया अपने दुख से बाहर आता गया. आज वह खेलों के इस महाकुंभ में अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहा था.
प्रतियोगिता का आखिरी मुकाबला शुरु हुआ. धैर्य व लगन से खेलते हुए उसने इतिहास रच दिया.
वह पोडियम पर खड़ा था. उसने लहराते हुए तिरंगे को देखा. जीवन मे पहली बार उसने एक मज़बूत रिश्ता महसूस किया था. उसका उसके वतन के साथ.
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