स्कूल में रिसेस के समय सभी बच्चे खेलने या खाने में मगन थे. वे सभी आपस में एक दूसरे से हंसी मज़ाक कर रहे थे. इन सबसे अलग आरव एक कोने में शांत बैठा था.
उसके मम्मी पापा का तलाक हो चुका था. अब दोनों के बीच उसकी कस्टडी को लेकर कोर्ट में लड़ाई चल रही थी. दोनों ही उस पर अपना हक जमा रहे थे. आरव को लगने लगा था कि जैसे वह कोई बेजान गुड्डा है. जिसे पाने के लिए उसके मम्मी पापा बच्चों के मानिंद लड़ रहे थे.
कोई भी यह नही जानना चाहता था कि उसे क्या चाहिए. वह तो आज भी उन पुराने दिनों के सपने देखता था जब मम्मी पापा एक थे. उनका एक परिवार था जहाँ वह दोनों का प्यारा बेटा था.
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