पुष्पेश अरोड़ा अपनी समाज सेवा के लिए जाने जाते थे. खासकर समाज की उपेक्षित महिलाओं के लिए चलाए जा रहे उनके शक्ति केंद्र की सभी सराहना करते थे. यहाँ महिलाओं को ना सिर्फ आसरा दिया जाता था बल्कि उन्हें प्रशिक्षित कर अपने पैरों में खड़़े होने में भी मदद की जाती थी.
इधर कुछ दिनों इस केंद्र को लेकर कई तरीके की बातें हो रही थीं. एक स्वयंसेवी संस्था की मालकिन ने यह आरोप लगाया था कि केंद्र की आड़ में वहाँ स्त्रियों का दैहिक शोषण होता है. उनके इस आरोप के बाद एक विवाद उत्पन्न हो गया था.
इस विवाद को समाप्त करने के लिए पुष्पेश ने जांच करवाने की खुली चुनौती दी.
एक जांच दल उनके केंद्र पर पहुँचा. वहाँ हर उम्र की महिलाएं अपने अपने काम में लगी थीं. पूछे जाने पर सभी सिर्फ यही कहतीं कि यहाँ सब ठीक है. सब कुछ व्यवस्थित दिख रहा था.
केंद्र की महिलाओं के ह्रदय की हलचल कोई नही सुन पा रहा था.
इधर कुछ दिनों इस केंद्र को लेकर कई तरीके की बातें हो रही थीं. एक स्वयंसेवी संस्था की मालकिन ने यह आरोप लगाया था कि केंद्र की आड़ में वहाँ स्त्रियों का दैहिक शोषण होता है. उनके इस आरोप के बाद एक विवाद उत्पन्न हो गया था.
इस विवाद को समाप्त करने के लिए पुष्पेश ने जांच करवाने की खुली चुनौती दी.
एक जांच दल उनके केंद्र पर पहुँचा. वहाँ हर उम्र की महिलाएं अपने अपने काम में लगी थीं. पूछे जाने पर सभी सिर्फ यही कहतीं कि यहाँ सब ठीक है. सब कुछ व्यवस्थित दिख रहा था.
केंद्र की महिलाओं के ह्रदय की हलचल कोई नही सुन पा रहा था.
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