वह उन बदनाम गलियों में भटकता था. मद्धम रौशनी में सस्ता मेकअप लगाए कामुक अदाओं से लुभाते चेहरों में वह अपनी पसंद का चेहरा खोजता था. बेशर्मी से उघाड़े गए जिस्म में वह संतुष्टि तलाशता था. किंतु हर बार एक और अनुभव की चाह उसे संतुषट नही होने देती था. पेशे से ट्रक चालक था. हर बार एक नए शहर में एक नया अनुभव लेने के लिए फिर किसी बदनाम गली में पहुँच जाता था.
उसके दोस्तों ने समझाया था कि यह तो एक मृगतृष्णा है. सिर्फ भटकाव ही हाथ आएगा. किंतु उसे तो यह भटकाव ही रास आ रहा था. वह समझ नही पा रहा था कि यह भटकाव किसी दिन अंधे मोड़ पर ले जाकर छोड़ेगा.
उस दिन जब अपने साथी को रक्त देने गया तब डॉक्टर ने खून की जाँच कर उसे यह भयानक खबर दी.
एड्स उसके शरीर को धीरे धीरे खोखला कर रहा था. वह उस मोड़ पर खड़ा था जहाँ से कोई राह सुझाई नही दे रही थी.
किन्तु जैसे अचानक बिजली चमकती है और आस पास सब कुछ प्रकाशित हो जाता है. वैसे ही मन से एक आवाज़ उठी 'अभी तुम ज़िंदा हो. जो गलती तुमने की उसे करने से औरों को बचाओ.'
अब भी वह उन गलियों में जाता है लेकिन लोगों को एड्स के खतरे से आगाह करने के लिए.
उसके दोस्तों ने समझाया था कि यह तो एक मृगतृष्णा है. सिर्फ भटकाव ही हाथ आएगा. किंतु उसे तो यह भटकाव ही रास आ रहा था. वह समझ नही पा रहा था कि यह भटकाव किसी दिन अंधे मोड़ पर ले जाकर छोड़ेगा.
उस दिन जब अपने साथी को रक्त देने गया तब डॉक्टर ने खून की जाँच कर उसे यह भयानक खबर दी.
एड्स उसके शरीर को धीरे धीरे खोखला कर रहा था. वह उस मोड़ पर खड़ा था जहाँ से कोई राह सुझाई नही दे रही थी.
किन्तु जैसे अचानक बिजली चमकती है और आस पास सब कुछ प्रकाशित हो जाता है. वैसे ही मन से एक आवाज़ उठी 'अभी तुम ज़िंदा हो. जो गलती तुमने की उसे करने से औरों को बचाओ.'
अब भी वह उन गलियों में जाता है लेकिन लोगों को एड्स के खतरे से आगाह करने के लिए.
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