दो महीने रहने के बाद आज गुंजा जिज्जी भी चली गईं. आखिर अपनी गृहस्ती छोड़ कर कब तक रहतीं यहाँ. अब घर की सारी व्यवस्था विपिन को ही देखनी थी. सबसे पहले उसने व्योम की स्कूल यूनीफॉर्म निकाल कर रख दी. कल सुबह उसे स्कूल भेजना था. उसके बाद रसोई के कुछ काम किए. अपनी तसल्ली कर वह सोने के लिए कमरे में आ गया.
जिज्जी के जाने के बाद सूनापन और अधिक बढ़ गया था. आगे सब कुछ अकेला कैसे संभालेगा यह सोंच कर वह परेशान था.
वह दीवार पर टंगी पत्नी की फोटो के सामने खड़ा होकर उसे निहारने लगा.
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