रोमा और विभा ऑफिस के कैफेटेरिया में बैठी थीं. कॉफी का घूंट भरते हुए विभा ने कहा "रोमा तुम्हारा बॉस की तरफ झुकाव.."
उसकी बात बीच में ही काटते हुए रोमा बोली "एक जबरदस्ती थोपे गए नाकाम रिश्ते की पीड़ा मैंने झेली है. इसलिए उनसे सहानुभूति रखती हूँ."
"जो भी बेचारगी का रूप बॉस ने तुम्हें दिखाया है वह सही नही है." विभा बोली. फिर रोमा के चेहरे की ओर देखते हुए कहा "यह सही है कि उनकी पत्नी एक मंदबुद्धि स्त्री हैं. किंतु सब जानते हुए अपने ससुर की जायदाद के लालच में बॉस ने उनसे विवाह किया था."
यह जानकर रोमा हैरान रह गई. वह तो समझती थी कि बॉस के साथ छल हुआ था. रोमा के मन में उथल पुथल मची थी. तभी चपरासी ने आकर सूचना दी कि बॉस ने उसे केबिन में बुलाया है.
जब वह बॉस के केबिन में पहुँची तो उन्होंने एक मखमली डिबिया उसके हाथ में थमा कर कहा "हमारे रिश्ते के नाम यह छोटी सी भेंट."
रोमा ने डिबिया खोली तो उसमें एक कीमती ब्रेसलेट था. डिबिया वापस अपने बॉस के हाथ में देते हुए रोमा ने कहा "रिश्ते लेन देन से नही चलते."
केबिन के बाहर निकल कर रोमा ने अपना बैग उठाया और घर चली गई.
अगले दिन बॉस की टेबल पर उसका त्यागपत्र पड़ा था.
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