देश की अस्मिता पर एक और हमला हुआ था. कुछ और जवान शहीद हो गए. उच्च स्तरीय बैठकें हो रही थीं. जांच दल गठित हो रहे थे. इस बार सरकार ने दोषियों को सबक सिखाने की ठानी थी.
देश भर में गुस्सा था. मीडिया हो या सोशल मीडिया सभी जगह जवानों की शहादत पर अफसोस जताया जा रहा था. कड़ी कार्यवाही की मांग हो रही थी.
संगीता पत्थर बनी बैठी थी. छह महीने पहले जिसने मांग सजाई थी उसका शव तिरंगे में लपेट कर भेजा गया था. उसने अपनी कोख पर हाथ फेरा और रोने लगी.
देश भर में गुस्सा था. मीडिया हो या सोशल मीडिया सभी जगह जवानों की शहादत पर अफसोस जताया जा रहा था. कड़ी कार्यवाही की मांग हो रही थी.
संगीता पत्थर बनी बैठी थी. छह महीने पहले जिसने मांग सजाई थी उसका शव तिरंगे में लपेट कर भेजा गया था. उसने अपनी कोख पर हाथ फेरा और रोने लगी.
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